आम के विभिन्न उत्पाद तैयार करें
अचार बनाने की प्रथा हमारे देश में प्राचीन काल से ही चली आ रही है। वास्तव में अचार हमारे भोजन के आवश्यक अंग बन गए हैं। मौसम में गृहणियाँ अनेक तरह के अचार बना कर परिरक्षित कर लेती हैं। ये केवल स्वादिष्ट ही नहीं, वरन् पौष्टिक भी होते हैं। इनके प्रयोग से भोजन का स्वाद बढ़ता है, पाचन क्रिया ठीक रहती है तथा भूख बढती है।
अचार बनाना एक कला है, अतः इसे बनाने में बहुत सावधानी रखनी चाहिए। जरा सी भी असावधानी से अचार खराब हो जाता है। घरों में अचार बनाने वाली गृहणियों के सामने प्रायः फफूँद लगने की समस्या खड़ी हो जाती है, जो असावधानी का परिणाम है।
1. नमक द्वारा परिरक्षित अचार
2. नमक, तेल तथा सिरके से परिरक्षित अचार
1. नमक द्वारा परिरक्षण: नमक जीवाणुओं के लिए विष का कार्य करता है। अचार को परिरक्षित रखने के लिए 15-25 प्रतिशत नमक (150-250 ग्राम नमक प्रति किलोग्राम) की आवश्यकता पड़ती है। 15 से 25 प्रतिशत नमक की उपस्थिति में किण्वन नहीं होता है।
2. नमक, तेल तथा सिरके द्वारा परिरक्षण: फल तथा सब्जियों के कई अचार नमक, तेल तथा सिरके द्वारा भी परिरक्षित किए जाते है। ऐसे अचार में नमक की मात्रा 10-15 प्रतिशत रखी जाती है। इस तरह के अचार में नमक मिलाकर चार-पाँच दिन तक धूप में रखा जाता है। इसके बाद मसाले तथा सिरका मिलाकर बर्तन में भर देते हंै। ऊपर से इतना तेल भर देते हैं कि अचार तेल में डूब जाएं। फलों में आम, पपीता, कटहल, करौंदा, नींबू तथा आँवला व सब्जियों में फूलगोभी, पत्तागोभी, गाजर, शलजम, चुकन्दर, करेला, टमाटर, हरी व लाल मिर्च, खीरा, बैंगन तथा मशरूम से अचार बनाया जाता है। प्याज, अदरक तथा बाँस के कोमल तनों से भी अचार बनाया जाता है।
1. तेल में आम का अचार
सामग्री
1. आम की फाँके - 1 कि.ग्रा.
2. मेथी - 50 ग्राम
3. हल्दी - 15 ग्राम
4. कलौंजी - 20 ग्राम
5. जीरा - 10 ग्राम
6. लाल मिर्च - 5 से 10 ग्राम
7. काली मिर्च - 10 ग्राम
8. सौफ - 25 ग्राम
9. हींग - 2 ग्राम
10. सरसों का तेल - 300 मि.ली.
बनाने की विधि
* कच्चे लेकिन पूर्ण विकसित आम छाॅट लीजिए। तथा इन्हें अच्छी तरह से धोकर लम्बी फाॅको में गुठली सहित काट लीजिए। गुठली का अन्दर वाला भाग फेंक दीजिए ।
* अब फाँकों मे अच्छी तरह से नमक मिलाकर जार में भर दीजिए। इसें 4-5 दिन तक धूप में रखिए। धूप में रखते समय जार के मुँह में कपड़ा बाॅध दे ।
* बीच-बीच में फांकों को हिलाते रहिए। इस समय में फांको का पानी नमक की क्रिया से बाहर निकलेगा तथा उनका रंग हल्का पीला पड़ जाएगा।
* 4-5 दिन तक धूप में रखने के बाद फांको को नमक के घोल से बाहर निकालकर तथा इन्हें एक साफ कपड़े में फैलाकर धूप में लगभग 1-2 घंटे तक सुखा लीजिए। नमक के घोल को अलग रख दीजिए।
* मेथी, कलौजी तथा सौफ को मोटा पीस लीजिए अन्य मसालों को बारीक पीस लीजिए।
* अब सब मसालों को थोड़े से नमक के पानी तथा तेल के साथ फांको में अच्छी तरह से मिला दीजिए। हींग को नमक के पानी में घोलकर मिलाए।
* मसालें मिले अचार को जार में दबा-दबाकर भर दीजिए ताकि हवा के बुलबुले अन्दर न रह जाए।
* ऊपर से बचा हुआ नमक का पानी तथा तेल डाल दीजिए। ध्यान रहे कि अचार तेल में डूबा रहें। 15-20 दिन में अचार गलकर खाने के योग्य हो जाएगा।
2. आम के लच्छों का अचार
सामग्री
1. आम का लच्छा - 1 कि.ग्रा.
2. नमक - 200 ग्राम
3. सरसों के बीज - 100 ग्राम
का चूर्ण
4. लाल मिर्च - 15 ग्राम
5. हींग - 3 ग्राम
6. मेथी - 50 ग्राम
7. सरसों का तेल - 100 ग्राम
8. गुड़ - 400 ग्राम
बनाने की विधि
* हरे तथा सख्त आम लेकर धो लीजिए।
* अब लच्छों को अच्छी तरह से नमक मिलाकर जार में भर दीजिए। इसें 4-5 दिन तक धूप में रखिए। धूप में रखते समय जार के मुँह में कपड़ा बाॅध दें।
* बीच-बीच में लच्छों को हिलाते रहिए। इस समय में लच्छों का पानी नमक की क्रिया से बाहर निकलेगा तथा उनका रंग हल्का पीला पड़ जाएगा।
* 4-5 दिन तक धूप में रखने के बाद लच्छों को नमक के घोल से बाहर निकालकर तथा इन्हें एक साफ कपड़े में फैलाकर धूप में लगभग 1-2 घंटे तक सुखा लीजिए। नमक के घोल को अलग रख दीजिए।
* मेथी, कलौजी तथा सौफ को मोटा पीस लीजिए अन्य मसालों को बारीक पीस लीजिए।
* अब सब मसालों को थोड़े से नमक के पानी तथा तेल के साथ लच्छों में अच्छी तरह से मिला दीजिए। हींग को नमक के पानी में घोलकर मिलाए।
* अन्त में मसालों के साथ गुड़ का चूरा भी डाल दीजिए। तथा अच्छी तरह से मिला दीजिए। यह अचार बहुत स्वादिष्ट हेाता है।
* मसालें मिले अचार को जार में दबा-दबाकर भर दीजिए ताकि हवा के बुलबुले अन्दर न रह जाए।
* ऊपर से बचा हुआ नमक का पानी तथा तेल डाल दीजिए।
3. आम का सूखा अचार
तैयार उत्पाद- 2.5 किग्रा., लगभग
सामग्री
1. आम - 2 कि.ग्रा.
2. सरसो तेल - 100 मि.ली.
3. सरसों के दाने - 40 ग्राम
4. नमक - 100 ग्राम
5. लाल मिर्च - 50 ग्राम
6. हल्दी पाउडर - 40 ग्राम
बनाने की विधि
* आम को धोकर पोंछ लंें, फिर उनका छिलका अलग कर दें और गूदे को फांके करके रख लें।
* एक मर्तबान में फांकें डालें। इसमें नमक व हल्दी मिला दें और धूप में रख दें।
* तीन दिन बाद फांकें निकालें और एक मोमजामें पर फैलाकर हल्का-सा सुखा लें।
* हल्दी-नमक वाले मर्तबान में तेल डालें। फांके और सारे मसाले भी डालकर अच्छी तरह मिला दें।
* अब इस्तेमाल करें। यह अचार लम्बे समय तक रखा जा सकता है।
4. मिश्रित आम का अचार
तैयार उत्पाद-1.5 किग्रा., लगभग
सामग्री
1. कच्चे आम की फांकें - 500 ग्राम
2. लहसुन छिली हुई - 50 ग्राम
3. हरी मिर्च कटी हुई - 250 ग्राम
4. नीबू की फांके - 250 ग्राम
5. सरसों का तेल - 250 ग्राम
6. हल्दी पाउडर - 50 ग्राम
7. नमक - 60 ग्राम
8. मेथीदाना - 25 ग्राम
9. सौंफ - 50 ग्राम
10. हींग - 20 ग्राम .
11. कलौंजी - 10 ग्राम
12. लाल मिर्च पिसी हुई - 25 ग्राम
बनाने की विधि
* एक कड़ाही में तेल को खूब गरम करके उतार लीजिए और ठण्डा होने दीजिए।
* एक बड़े मर्तबान में आम की फांकें, नीबू, हरी मिर्च, लहसुन और नमक सहित सारे मसाले डाल कर अच्छी तरह मिला दीजिए। तेल ठण्डा हो जाए, तो ऊपर से अचार में डाल दीजिए और मिला दीजिए। मर्तबान को धूप में रख दीजिए। दिन में एक-दो बार अचार हिलाते रहिए।
* दस-बारह दिनों बाद प्रयोग में लाइए। अचार को हमेशा चम्चच से निकालिए। यह अचार स्वादिष्ट तो होता है, पाचक और भूख बढ़ाने वाला भी होता है।
5. आम का भरवां अचार
तैयार उत्पाद-3 किग्रा., लगभग
सामग्री
1. देसी कच्चे आम - 2 किग्रा
2 सरसों का तेल - 650 ग्राम
3 सौंफ - 100 ग्राम
4 हींग - 4 ग्राम
5 नमक - 100 ग्राम
6 मंेथीदाना - 100 ग्राम
7 हल्दी पाउडर - 50 ग्राम
8 काली मिर्च साबुत - 10 ग्राम
बनाने की विधि
*आम को साफ पानी से धोकर पांेछें और एक कपड़े पर फैला दें। थोड़ी देर बाद सरौते से इस प्रकार काटें कि फांकें नीचे से जुड़ी रहें। गुठली अलग कर दें।
* सौंफ को दरदरा कर लें। एक प्याले में दो सौ ग्राम तेल डालें। उसमें सौंफ, मेथी, हल्दी, हींग, लाल मिर्च, नमक व काली मिर्च डालकर मिलाएं।
* मसाले को कटे आमों में बराबर-बराबर भरकर मर्तबान में रखते जाएं। गुठली भी अलग से डाल दें। अब मर्तबान को धूप में रख दें। बाकी तेल ऊपर से डाल दें। दो सप्ताह बाद यह खाने लायक हो जाता हैं। यह अचार लम्बे समय तक रखा जा सकता है। इसे जब भी निकालना हो, चम्मच से ही निकालें। हाथ डालने से अचार जल्दी खराब हो जाता है।
6. पके हुए आम का मुरब्बा
तैयार उत्पाद-2.25 किग्रा., लगभग
सामग्री
1. पके हुए आम के टुकड़े - 1 किग्रा
2. इलायची पिसी हुई - 1 चम्मच
3. काली मिर्च पाउडर - 1/2 चम्मच
4. चीनी - 1 किग्रा
5. केसर - 1/2 चम्मच
बनाने की विधि
* चीनी मे डेढ़ गिलास पानी डालकर एक तार की चाशनी तैयार कर लें।
* चाशनी बनने पर आम के टुकड़े डाल दें।
* दो मिनट बाद इलायची, काली मिर्च और केसर डाल दें, फिर हल्के हाथों से मिला दें।
* चाशनी गाढ़ी होने लगे, तो आंच बन्द कर दें।
* ठण्डा होने पर मर्तबान में रखें व स्वाद लें।
7 कच्चे आम का मुरब्बा
तैयार उत्पाद-4.25 किग्रा., लगभग
सामग्री
1. छोटे-छाटे आम - 2 किग्रा
2. इलायची पिसी हुई - 1 चम्मच
3. चीनी - 2 किग्रा
4. केसर - 1/2 चम्मच
5. गरम दूध - 1/2 कप
6. चूना - 100 ग्राम
बनाने की विधि
*आम को छिलकर उनके गूदे के फांके कर लें।
* चूना पानी में घोलकर फांकों को पन्द्रह-बीस मिनट भिगांेएं फिर साफ पानी से अच्छी तरह धोकर एक साफ कपडे़ पर फैलाकर पानी सुखा ले। गरम दूध में केसर डालकर रख दें।
* चीनी में तीन गिलास पानी डालकर आंच पर चढ़ाएं और एक तार की चाशनी बना लें।
* चाशनी बन जाएं, तो आम की फांकें डाल दें और धीमी आंच पर पकाएं।
* फांके नरम पड़ जाएं, तो दूध मंे घुली हुई केसर व इलायची मिला दें।
* ठण्डा होने पर मर्तबान में भरकर रखें।
8 आम का जैम
तैयार उत्पाद-8 कप लगभग
सामग्री
1. बादाम छिले हुए - 50 ग्राम
2. खाने वाला पीला रंग - 1 चुटकी
3. चीनी - 3 कप
4. कच्चे आम का गूदा - 4 कप
5. पिस्ते कटे हुए - 1 चम्मच
बनाने की विधि
* ग्राइण्डर में बादाम, रंग और पिस्तों को थोड़े से पानी के साथ बारीक पीस लें।
* चीनी में एक कप पानी डालकर आंच पर चढ़ा दें। आंच धीमी ही रखें।
* चीनी घुल जाए, तो आंच थोड़ा बढ़ा दें। चाशनी गाढ़ी होने लगे, तो आम का गूदा डाल दें और चलाते हुए पकाएं।
* गूदा घुलने लगे, तो पिसी हुई सामग्री डालकर अच्छी तरह मिला दें। गाढ़ा होने पर नीचे उतार लें।
* जार में गरम-गरम ही भरकर रख लें।
अचार बनाने के दौरान निम्नलिखित सावधानियां प्रयोग मे लाएं।
1. लोहे, तांबे तथा पीतल के बर्तनों मे कभी अचार न बनाएं इसके लिए एल्युमिनियम, स्टेनलेस स्टील, कांच तथा चीनी मिट्टी के बर्तनों को काम मे लाइए।
2. नमक, तेल तथा सिरका या एसिटिक अम्ल हमेशा बताई गई मात्रा के अनुसार तौलकर मिलाएं क्योकि इनकी मात्रा कम हो जाने पर अचार खराब हो जाएगा। अन्य मसाले अंदाज से कम या ज्यादा इच्छानुसार डाले जा सकते हंै।
3. अचार निकालते समय बोयाम में हमेशा सूखा हाथ या चम्मच डालिए गीला हाथ या चम्मच डालने से अचार में नमी प्रवेश कर जाने से फफूँदी लग जाएगी।
4. अचार में प्रायः एक सफेद परत सी जम जाती है। ऐसी अवस्था में इसे हटाकर इसमें एक प्रतिशत एसिटिक अम्ल डाल देना चाहिए।
5. कभी-कभी अचार का रंग काला पड़ने लगता है, यदि गंदा नमक तथा फूल सहित लौंग का प्रयोग किया जाएं तो ऐसा विकार उत्पन्न हो जाता है। इसलिए अचार में हमेशा शुद्ध नमक तथा फूल रहित लौंग का प्रयोग करना चाहिएं। जो मसालंे अचार में मिलाने हो, वे अच्छी तरह साफ होने चाहिए।
6. अचार को शुष्क तथा ठंडे भण्डार में रखना चाहिए। नम अथवा ऊँचे तापमान वाले भंडार में रखने से इसमें फफूंदी लग जाएगी तथा इसका रंग खराब होने लगता है।